काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता। शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला https://shiv-chalisa-lyrics12032.blogitright.com/29870801/the-basic-principles-of-shiv-chalisa-lyrics-in-punjabi